वहीं इसी बीच सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत सारी खबरें वायरल हो रही है, जिसमें से कुछ सच तो कुछ झूठ बताई जा रही हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए WHO ने कुछ मिथ और फैक्ट्स बताए हैं, जो हर किसी को पता होने चाहिए।
चलिए आपको बताते हैं कोरोना वायरस को लेकर क्या है WHO की सलाह...
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क्योंकि बुजुर्गों व बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है इसलिए उन्हें इसका अधिक खतरा है। वहीं बुजुर्गों पहले से ही अस्थमा, मधुमेह, हृदय रोग की चपेट में होते हैं, जिससे वो जल्दी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
मिथक: एंटीबायोटिक्स इलाज में कारगर है?
सच: एंटीबायोटिक्स कोरोना वायरस से बचाने में कारगर नहीं हैं। यह केवल बैक्टीरिया के लिए काम करते हैं और कोरोना एक वायरस है।
मिथक: चाइनीज फूड खाने से भी खतरा?
सच: यह बात पूरी तरह गलत है। WHO ने चाइनीज फूड को कोरोना वायरस फैलाने का रिस्क फैक्टर नहीं माना। लिहाजा चाइनीज फूड्स खाने से आपको यह वायरस नहीं होगा।
शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन का छिड़काव करने से पहले से मौजूद वायरस नहीं फैलेंगे लेकिन यह हानिकारक हो सकता है। ऐसे में इसे सही रिकमंडेशन के तहत यूज करना जरूरी है।
मिथक: चीन से आने वाले लेटर या पैकेज सुरक्षित नहीं है
सच: चीन से आने वाले लेटर या पैकेज से लोगों को कोरोना वायरस होने का खतरा नहीं है। शोध के मुताबिक, वायरस ऐसी वस्तुओं पर लंबे समय तक जीवित नहीं रहते।
सच: इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पालतू जानवर जैसे कि कुत्ते या बिल्ली कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, पालतू जानवरों के संपर्क के बाद हाथ साबुन से धोना समझदारी है।
सच: निमोनिया के टीके, जैसे न्यूमोकोकल वैक्सीन और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी) वैक्सीन, कोरोना वायरस से बचाव नहीं करती।
सच: सोशल मीडिया पर इन दिनों कई मैसेज वायरल हो रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि लहसुन का सेवन कोरोना इंफैक्शन से बचाएगा जबकि यह गलत है।
सच: इससे पहले कि आप इन बातों पर यकीन करें आपको बता दें कि यह बात पूरी तरह से गलत है। कोरोना वायरस के लिए अभी तक कोई दवा नहीं बन पायी है।
कोरोना पर थर्मल स्कैनर कितने प्रभावी हैं?
थर्मल स्कैनर से उन लोगों का पता लगाया जाता है जिन्हें कोरोना की वजह से बुखार है। इससे उन लोगों का पता नहीं चलता जो इंफैक्टिड है लेकिन बुखार नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि वायरस के कारण बुखार चढ़ने में 2 से 10 दिन लग सकते हैं।
क्या एंटीबायोटिक्स इलाज में कारगर है?
एंटीबायोटिक्स कोरोना वायरस से बचाने में कारगर नहीं हैं। यह केवल बैक्टीरिया के लिए काम करते हैं और कोरोना एक वायरस है।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए अभी किसी भी तरह का वैक्सीन उपलब्ध नहीं है लेकिन इसके इलाज के लिए वैक्सीन तैयार करने की बात की जा रही है।
. तेज बुखार व सिरदर्द
. जुकाम, सूखी खांसी
. सांस लेने में दिक्कत
. किडनी फेल
. लक्षण दिखने पर तुरंत चेकअप करवाएं।
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कैसे करें बचाव?
1. WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने दुनियाभर में सलाह जारी की है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग लगातार अल्कोहल से हाथ धोएं।
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